अनोखा गांव : गली गली में पत्थरों पर गणेश की आकृति

बिहार के नवादा जिले के हिसुआ प्रखंड के सोनसा गांव ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। गांव में छोटी और बड़ी दो पहाड़ियों है। दोनों पहाड़ियों के इर्द गिर्द आबादी बस गई है। बड़ी पहाड़ी को धरहरा के नाम से जानते हैं। इसके उपर परशुराम और नाग मंदिर हैं।

छोटी पहाड़ी को लोग मुरली पहाड़ी कहते हैं। मुरली पहाड़ी के अनेक बड़े बड़े चटटानों पर गणेश की आकृति बनी है। इस पहाड़ी पर धीरे धीरे आबादी बस गई है। इसके चलते कई आकृतियों का अस्तित्व खत्म हो गया है। फिर भी गांव की गलियों में कई ऐसे चटटान मौजूद हैं, जिसपर भगवान गणेश की आकृति है। जानकारी के अभाव में कई चटटानों पर गोबर भी ठापा जाने लगा है। इसके चलते कई आकृतियां ढक गई है। लेकिन जो बची है, वह ऐतिहासिक महत्व को दर्शा रहा है।
हालांकि किस कालखंड की है इसके बारे मेें स्पष्ट जानकारी नही िमलती है। ग्रामीणों के मुताबिक, यह पाषाणकालीन है। पाषाणकाल में पत्थरों पर मूर्तियां बनाई जाती रही है। गौरतलब हो कि नवादा जिले के ककोलत में पाषाणकाल में कई अवशेष मिल चुके हैं। हस्तकुठार आदि आज भी नारद म्यूजियम में संग्रहित है।
वरिष्ठ इतिहासकार राम रतन प्रसाद सिंह रत्नाकर कहते हैं कि मगध का इलाका प्राचीन काल से ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा है। गुप्तकाल में मूर्तिकला का काफी विकास हुआ था। इसके अनेक उदाहरण रहे हैं।