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2147 तक दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने वालों का नाम अभी से है बुक

131 लोगों का लगा है नंबर, हर 10 साल पर होती है लाॅटरी, 10 में 5 बेटियों और 5 बेटों के होते हैं नाम, सभी जाति के लोगों की होती है भागीदारी,

माफी के 4 ग्रामीणों के साथ मिलकर बहरू मांझी ने शुरू किया था दुर्गापूजा, अब वारिसलीगंज इलाका के लिए मिसाल बन गई

Dr. Ashok Priyadarshi
    बात 65 साल पुरानी है। माफी गांव के बाढ़ो मांझी, रामबालक सिंह, देवकी सिंह, भीषण सिंह दूर्गा प्रतिमा देखने गए थे। वह प्रतिमा ढंग का नही बना हुआ था। वापसी के समय सभी ने खुद एक प्रतिमा बनाने का तय किया। बाढ़ो मांझी मिटटी की दूर्गा प्रतिमा बनाया। पूजा पाठ किया। दरअसल, वारिसलीगंज में ईख की खेती होती थी। खेतों में लगाने के लिए बाढ़ो मांझी बाघ बनाया करते थे। लिहाजा, मूर्ति बनाने में उन्हें कोई दिक्कत नही हुई। बाढ़ो उर्फ बहरू मांझी की यह शुरूआत ग्रामीणों के लिए एक परंपरा कायम हो गई। अगले साल नवरात्रि के पहले दिन से हीप्रतिमा बनाकर पूजा पाठ किया। फिर लोगों की आस्था जुड़ी। लोग जुड़ते चले गए। 1954 में ग्रामीणों ने दूर्गा पूजा समिति का गठन कर पूजा पाठ शुरू कर दिया। ग्रामीण बताते हैं कि शुरूआती दस सालों तक जन सहयोग से दुर्गा पूजा की जाने लगी। लेकिन उसके बाद प्रतिमा बिठानेवालों की लंबी फेहरिस्त हो गई है।

2147 तक लगा है नम्बर
जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष परशुराम सिंह बताते हैं कि दुर्गा मंडप में दुर्गा प्रतिमा बिठानेवालों का 2147 तक का नंबर लगा है। हर दस साल में लाॅटरी निकाला जाता है। इसमें पांच साल बेटे और पांच साल बेटियों के लिए तय है। सावित्री देवी, बबीता देवी, शर्मिला देवी, विनिता देवी, शांति देवी जैसे कई नाम है, जिन्होंने दुर्गा पूजा कराया। सबसे अहम कि सभी जाति के लोगों की भागीदारी होती है। हरि मांझी, संजय कुशवाहा, विनिता पाठक जैसे कई नाम है, जो विभिन्न वर्गों की प्रतिनिधित्व का उदाहरण है। जिन नये लोगों की इच्छा होती है, वह आवेदन देते हैं, समिति उसका लेखा जोखा रखती है। फिर हर दस साल पर लाॅटरी होती है, जिनमें से दस लोगों का चयन किया जाता है। पांच नामों में गांव की बेटियां जब भागीदार नही होती है तब बेटे भागीदार होते हैं।

2025 मंे तय होगा दस का नाम
2016 में लाॅटरी के आधार पर दस का नाम तय कर दिया गया है। ग्रामीण संजय सिंह के मुताबिक, 2019 में बमबम सिंह की बारी है। इसके पहले बद्रीनारायण सिंह, फिर ललन सिंह, सुमन सिंह पूरा करा चुके हैं। बमबम सिंह के बाद संजय शर्मा, चुन्नी लाल, निरंजन कुमार, चंदन कुमार, चच्चू कुमार,  किरण देवी का नाम शामिल है। अगले दस सालों के लिए 2025 में उन सभी नामों की लाॅटरी निकाली जाएगी। संजय सिंह बताते हैं कि जिनकी बारी आती है, उन्हें दुर्गा प्रतिमा निर्माण, पूजा अर्चना के अलावा युवा क्लब को 30 हजार रूपए अदा करने होते हैं। युवा क्लब डेकोरेशन और नाट्रय में खर्च करते हैं। बच्चू पाठक संस्थापक पूजारी रहे हैं। फिर हरि पाठक पूजा पाठ कराते रहे हैं। अब सुनील पाठक पूजा करा रहे हैं।

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