पटना सचिवालय पर तिरंगा फहरानेवाले 8वां शख़्स थे रामकृष्ण, पर कभी नही की अपनी तारीफ

हर्ष की बात है कि उनके पिता रामकृष्ण सिन्हा की काव्य संग्रह टंकार का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लोकार्पण किया गया। लेकिन अफसोस की बात कि स्वतंत्रता आंदोलन में उनके पिता के उल्लेखनीय योगदान की गाथा उनके जीवनकाल में सामने नही आ सका। रामकृष्ण सिन्हा की बेटी डाॅ कमला शर्मा ने यह उदगार व्यक्त तब की जब उनके पिता के निधन के बाद उनके काव्य संग्रह का लोकार्पण किया गया।

दरअसल, पटना सचिवालय के समीप तिरंगा झंडा फहराने में आठ सेनानी थे। सात सेनानियों की मूर्ति बिहार असेंबली के समीप अवस्थित हैं। लेकिन रामकृष्णा सिन्हा की मूर्ति नही स्थापित किया जा सका। 1984 में उनका निधन हो गया। लेकिन वह जीवन भर उस कामयाबी की तारीफ नही की। वह ज्वाइंट डायरेक्टर के पद से रिटायर हुए।

माली के रूप में प्रवेश किए थे रामकृष्ण शर्मा
महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था। तब 11 अगस्त 1942 को झंडोतोलन किया गया था। तब आठ लोग थे। रामकृष्ण शर्मा पटना कॉलेज के तीसरे वर्ष के छात्र थे और वे माली के रूप में प्रवेश किए थे। वे तिरंगा फहराने के प्रमुख भूमिका में थे। उनके सात साथी शहीद हो गए थे। लेकिन रामकृष्णा शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया था। वह दो दफा जेल गए। करीब 13 माह तक जेल में रहे। 22 सितंबर, 1948 को पटना जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय से जारी एक पत्र में रामकृष्णा सिन्हा के इस कार्य का जिक्र मिलता है।

आजीवन खादी पहने, लेकिन कभी अपनी तारीफ नही की
बिहार के पटना जिले के मोकामा निवासी रामकृष्णा शर्मा के परिवार कहते हैं कि रामकृष्णा शर्मा आजीवन खादी पहनते थे लेकिन कभी अपनी तारीफ नही की। जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने राज्य विधान परिषद में स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति स्थापित करने का मुद्दा उठाया था। सरकार ने भारत छोड़ो आंदोलन में रामकृष्ण शर्मा द्वारा किए गए योगदान को स्वीकार किया। आश्वासन भी दिया था। लेकिन पहल नही किया गया। नीरज कुमार ने कहा है कि इसके लिए कानून बनाया जाना चाहिए।

रामकृष्णा सिन्हा के दामाद डाॅ बीके शर्मा ने कहा कि 1961 मंे जब पीएमसीएच (तब प्रिंस आॅफ वेल्स) में पढ़ाई करते थे तब स्वतंत्रता सेनानी योगेन्द्र शुक्ल के सहयोगी भर्ती हुए थे। तब उन्होंने उनसे पूछा था कि पटना सचिवालय पर झंडा फहरानेवाले आठवां शख्स कौन थे! जवाब नही दे पाया था। लेकिन सुखद संयोग कि 1971 में उस आठवें शख्स की बेटी कमला शर्मा से शादी हुई।