बचेंगे भगवान !

अशोक प्रियदर्शी
बिहार के कला संस्कृति और युवा विभाग की पहल के बाद नवादा के नारदः संग्रहालय में रखे भगवान की मूर्तियां और पुरावशेषों के दिन संवरनेवाले लगते हैं। विभाग ने नवादा के भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को नारद संग्रहालय के दोनों भवनों के निरीक्षण और वास्तुविद से नक्सा तैयार कर भेजने को कहा गया है। साथ ही, सहायक संग्रहालयध्यक्ष को संग्रहालय में संरक्षित पुरावशेषों को सुरक्षित रखने के लिए अलग जगह चयनित करने को कहा गया है। जीर्णोद्धार के लिए 33 लाख रूपए की स्वीकृति को तत्काल स्थगित रखने को कहा गया है।
दरअसल, नारदः संग्रहालय दुर्लभ कलाकृतियों के लिहाज से बिहार का समृद्ध म्यूजियम है। इस संग्रहालय में पांच हजार से अधिक कलाकृतियां और पुरातत्व महत्व की चीजे हैं। लेकिन म्यूजियम का बिल्डिंग जर्जर है। लिहाजा, पुरावशेषों के नष्ट होने और सैलानियों तथा कर्मियों के घायल होने की आशंका रहती है। बिल्डिंग के अभाव में पुरावशेषों को ठीक से प्रदर्शित नही किया जा रहा है। लिहाजा, जो भी लोग आते हैं, वह संग्रहालय के सभी पुरावशेष को नही देख पाते हैं। यही नहीं, भवन के जर्जर रहने से घायल होने की आशंका बनी रहती है। इसलिए फिलहाल, उपरी तला को बंद कर रखा गया है। वैसे तो, म्यूजियम परिसर में दो भवन है। लेकिन पुराने भवन के उपरी और निचला तला को इंजीनियर ने खतरनाक घोषित कर दिया। जीर्णोद्वार संभव नही है। इसे नये सिरे से बनाए जाने की जरूरत है। दूसरा एक अधूरा निर्माणाधीण भवन है, जो उदघाटन के पहले जर्जर हो चुका है।
पहले भी हुए प्रयास, लेकिन नही हुए पूरे
संग्रहालय भवन के निर्माण के लिए पहले भी कई प्रयास किए गए। दो दशक पहले करीब 19 लाख रूपए की लागत से संग्रहालय परिसर में नये भवन के निर्माण शुरू हुई थी। लेकिन वह भ्रष्ट्राचार का भेट चढ़ गया। करीब तीन साल पहले भवन निर्माण विभाग ने कला संस्कृति एवं युवा विभाग निदेशालय पटना के क्षेत्रीय उपनिदेशक को नवादा अर्द्धनिर्मित भवन और लंबित भवन विस्तार परियोजना के संबंध में पत्र लिखा था। यही नहीं, 07 जुलाई 2021 को मुख्य वास्तुविद अनिल कुमार ने नक्शा और ले आउट प्लान कला संस्कृति विभाग को भेजा। लेकिन नही पुराने भवन का जीर्णोद्धार हो पाया और नही नया भवन का निर्माण हो पाया।
11 फरवरी 2023 को विषेषज्ञों की एक टीम ने स्थल निरीक्षण किया। टीम ने पुराने और अर्द्ध निर्मित भवन के जीणोद्धार की संभावना को इंकार कर दिया है। बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार, भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार और नारद संग्रहालय के संग्रहालयध्यक्ष शिव कुमार मिश्र ने संयुक्त रूप से जांच रिपोर्ट दिया था। इसमें नारद संग्रहालय के पुराने भवन के जीर्णोद्धार होना संभव नही बताया गया था। निर्माणाधीण जर्जर भवन को ध्वस्त कर नया भवन बनाए जाने की बात कही गई थी।
भास्कर का पहल ने दिखाया रंग
दैनिक भास्कर अखबार का पहल ने रंग दिखाया है। दैनिक भास्कर ने लगातार कई रिपोर्ट प्रकाशित किया। 31 दिसंबर 2022 को म्यूजियम में भी कलाकृतियां सुरक्षित नही, धरोहर हो रहे बर्बाद और 13 जनवरी 2023 को असुरक्षित संग्रहालय नामक शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार और प्रशासन की उपेक्षा को एक्सपोज किया था।
जन सहयोग से स्थापित हुआ था संग्रहालय
नवादा के नारद संग्रहालय की स्थापना की कहानी काफी रोचक रही है। नवादा के पहले जिला पदाधिकारी नरेंद्र पाल सिंह के प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी तादाद में मूर्तियां एकत्रित की गई थी। मूर्तियों को टीन के शेड में रखा गया था। लेकिन तेज आंधी आई जिसमें शेड को उड़ा दिया था। लिहाजा, 1973 में जिला स्थापना दिवस के उदघाटन समारोह से सात हजार रूपए बचे थे। उस राशि से संग्रहालय उदघाटन का कार्य शुरू हुआ था। लेकिन यह पैसे पर्याप्त नही थे। लिहाजा, जन सहयोग से नारद संग्रहालय का निर्माण कराया गया था। 2 मई 1974 को बिहार के तत्कालीन गवर्नर आर डी भंडारे ने इसका उदघाटन किया था।े