वीणा को बेस्ट मुखिया ऑफ़ इंडिया का मिला सम्मान

अशोक प्रियदर्शी
खगड़िया जिले के रानी सकरपुरा निवासी पुनीतलाल की बेटी वीणा की शादी 13 साल की आयु में नवादा जिले के सदर प्रखंड के सिकन्दरा निवासी 45 वर्षीय रामप्यारे प्रसाद के साथ हुई थी। लेकिन तीन साल बाद 16 साल की आयु में विधवा हो गई। तब वीणा को एक संतान था। पति की मौत के बाद वीणा के नवादा नगर स्थित मकान को एक किराएदार ने कब्जा कर लिया था। वीणा ने साहस जुटाई। मकान को कब्जा मुक्त कराई। उसके बाद से वह दूसरी महिलाओं के लिए मददगार बन गई। उसके बाद वह सामाजिक जीवन जीने लगी। वह 2001 में जनरल सीट पर मुखिया निर्वाचित हुई। अपने काम के कारण दोबारा मुखिया बनी। इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियां पैदा की गई। फिर भी हार नही मानी।
2007 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित अनन्या कार्यक्रम में वीणा के साहसिक संघर्ष को सलाम किया गया था। तब यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वीणा को सम्मानित करते हुए कहा था कि वीणा इज द बेस्ट मुखिया आफ इंडिया। 2004 में सरोजनी नायडू पुरस्कार से वीणा सम्मानित हुई। जुलाई 2007 को लाहौर में आयोजित स्थानीय शासन व्यवस्था मंे भारत-पाकिस्तान वार्ता में भारत के 50 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुई थी। वीणा कहती हैं कि महिला के नाम पर किसी को कमजोर आंकना सबसे बड़ी भूल है। हर महिलाओं में यह ताकत होती है। विश्वास पैदा करने की जरूरत है