बात दो साल पहले की है। दिल्ली के एक मल्टीनेशनल कंपनी में मोशन ग्राफिक्स डिजाइनर के पद पर कार्यरत राजू महतो छुटटी में घर पहुंचे थे। शाम में अपने पिता राजकुमार महतो के साथ बैठे थे। अंधेरा होते ही गांव की विकास की बात चल पड़ी। इसपर राजकुमार ने आह भरे शब्दों में कहा- बेटा मुझे नही लगता कि मैं अपने जीवनकाल में गांव में सड़क और बिजली देख पाउंगा। यह एक पंक्ति थी। लेकिन राजू के दिल में यह पंक्ति घर कर गई। उस दिन से राजू ने ठान लिया कि पैसे तो हर कोई कमाता है पर अपने जन्मदाता और जन्मभूमि के लिए कुछ नही कर पाउं तो ऐसी पढ़ाई का क्या मतलब।
राजू के उस संकल्प का परिणाम है कि आजादी के 70 साल बाद गांव में बिजली पहुंच गई है। इसके पहले सड़क बन गई है। ग्रामीण काफी खुश है। राजू कहते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नही थी कि सड़क और बिजली ला सकें लेकिन उन्होंने इसके लिए पहल शुरू की, जिसके चलते यह सब हो सका है। राजू के पिता को भी काफी खुशी है। वह कहते हैं कि बेटे के काम से उन्हें फक्र है। हम बात कर रहे हैं बिहार के नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड के देल्हुआ गांव की।
कैसे हुआ यह संभव
राजू के लिए यह काम आसान नही था। जनप्रतिनिधियों से बात की। लेकिन निराशा हाथ लगी। कहते हैं कि नियत अच्छी हो तो रास्ता खुद ब खुद बनते चला जाता है। तभी उनकी मुलाकात पटना में रह रहे आलोक कुमार से हुई। उसके बाद गांव का वीडियो बनाने का निर्णय लिया। राजू, आलोक और दीपक ने ‘विकास की बांट जोहता देल्हुआ ’-नाम की एक वीडियो डाक्यूमेंट्री बनाई। 12 फरवरी 2016 को यूटयूब और सोशल मीडिया पर रीलिज किया। व्हाटसएप पर भी वायरल किया।
राजू के साथियों शाहबाज, अंकुश, सौरव ने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में मदद किया। यही नहीं, इस वीडियो को आलोक कुमार ने तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को दिखाया। तेजस्वी यादव ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को हिदायत दिया। उसके बाद भी राजू चुप नही बैठा। वह लगातार पत्राचार करता रहा। लिहाजा, गांव में सड़क और बिजली पहुंच गई है।
प्रतिकूल थी देल्हुआ की भौगोलिक स्थिति
सकरी नदी के किनारे देल्हुआ अवस्थित है। गांव का प्राकृतिक सौंदर्य आकर्षक है। लेकिन भौगोलिक संरचणा दुर्गम है। पहाड़ी को काटकर सड़क के लिए रास्ता निकाला गया है। बिशुन राम कहते हैं कि हमारा पंचायत दुर्गम इलाका में बसा है, जहां सड़क और बिजली आना सपना था, लेकिन राजू और दीपक के प्रयास के कारण सरकार ने गांवतक सड़क और बिजली पहुंचाई। दीपक कहते हैं कि गांव में सड़क बिजली का होना चमत्कार से कम नहीं है, मुझे बहुत खुशी है की मैं राजू भैया और अलोक जी के साथ इस अभियान में था। यही नहीं, राजेश, पिंटू और अनुज कहते हैं कि लोग शुरूआत में मजाक उड़ा रहे थे लेकिन अब मजाक उड़ानेवालों को निराशा हाथ लगी है।