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कर्ज के बोझ के बीच केदारलाल का अकेलापन बना परिवार के 6 सदस्यों के सामूहिक सुसाइड की वजह

अशोक प्रियदर्शी

Kedarlal family ka file picture


केदारलाल गुप्ता की मौत की वजह को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि पूरी बात पुलिस अनुसंधान से स्पष्ट हो पाएगी। लेकिन इन कयासों के बीच आसपास के लोगों और परिजनों से बातचीत के आधार पर मौत की वजह सूदखोरों की प्रताड़ना ही बताया जा रहा है। जैसा कि मौत के पहले केदारलाल के बयान और सुसाइड नोट में जिक्र है। मूलधन का दोगुणा से अधिक राशि अदा करने के बाद भी मुक्ति नही मिली थी। बेटी साक्षी ने भी मौत की वजह सूदखोरी बताई है। दूसरी बेटी ने भी मौत की वजह कर्ज को बताई थी।

 60000 रूपए मासिक ब्याज, दूकान और घर का खर्च जुटाना मुश्किल
केदारलाल पर 12 लाख का कर्ज था। जैसा कि मौत के पहले केदारलाल ने कहा था। लोग बताते हैं कि महाजन 5-20 प्रतिशत मासिक ब्याज पर कर्ज देते हैं। पांच प्रतिशत की दर से 60000 रूपए प्रतिमाह होता था। इसके अलावा दो दूकान, घर का किराया और परिवार का खर्च मिलाकर 80000 से 100000 रूपए अनुमानित है। इतनी राशि फल और चाट की दूकान से जुटाना संभव नही हो रहा था।


कोरोना संक्रमण के समय से आमदनी प्रभावित थी। घर चलाना मुश्किल हो रहा था। पिछले साल 21 नवंबर को दूसरी बेटी ब्यूटी की शादी भी किए थे। इस बीच एक अफवाह फैल गई थी कि केदार लाल नवादा छोड़कर जानेवाले हैं। लिहाजा, महाजन सख्ती बरत रहे थे। घरों पर धमकियां देने लगे थे। आपतिजनक बातें करने लगे थे। दुकानों से सामान उठाने लगे थे। 


ऐसे महाजनों से निपटने के लिए काफी दिनों तक कई छोटे सूदखोरों से कर्ज लेकर ब्याज अदा किए। बड़े सूदखोरों की ब्याजदरांे के कारण उन्हें कर्ज से मुक्ति नही दिखी। ऐसा माना जाता है कि वे खुद को अकेला मानने लगे, किसी को अपनी परेशानी शेयर नही किए और ऐसा गलत कदम उठा लिए।


हालांकि उनका बड़ा बेटा अमित उनका मजबूत हाथ था। बड़ी बेटी की शादी के कर्ज को मिलजुलकर चुकाया था। लेकिन वह भी दिल्ली में रहने लगा था। दिसंबर 2021 में अपनी मर्जी से शादी कर लिया था। इसलिए बातचीत भी बंद हो गया था। जैसा कि अमित ने भी बताया कि पिछले एक माह से थोड़ा बहुत बात शुरू हुई थी।

मजार से केदारलाल परिवार का था पुराना नाता
जिस मजार के समीप केदारलाल ने पत्नी, बेटे और तीन बेटियों के साथ सुसाइड किया, उस मजार से इस परिवार का पुराना नाता रहा है। बेटी गूंजा और बेटे अमित गुप्ता ने बताया कि वे लोग भी बचपन से जाते थे। केदारलाल के छोटे भाई शंभूलाल ने बताया कि उनका हलुवाई समाज दोनों संप्रदाय में भरोसा रखते हैं। वे भी हर हफ्ते जाते हैं। उनके भाई भी जाते थे। जहां तक मौत का सवाल है तब विपदा में कोई नही सोचता कि मजार है कि दूर्गा मंडप।

-बेटे बेटियों का था केदारलाल पर अटूट विश्वास 
केदारलाल पर उनके बेटे बेटियों का अटूट  विश्वास   और स्नेह था। जैसा कि बड़ी बेटी गूंजा ने बताया कि ऐसा परवरिश मिला था कि हम सभी पापा के फैसले का विरोध नही कर सकते थे। मैं रहती तो मैं भी नही टाल सकती थी। तंगी में हंसी खुशी रहते थे। यह अलग बात है कि इतना बड़ा फैसला ले लिए और पापा बताए नही। बहनों के साथ कोई गलत नही हुआ है। बहनों से बात होती थी। आसपास के लोग भी केदारलाल परिवार के सामंजस्य की तारीफ करते हैं।

एसपी ने कहा- डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित
 एसपी डाॅ. गौरव मंगला ने बताया कि केदार लाल के भाई शंभूलाल के बयान के अधार पर सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। केदारलाल और उनकी दो बेटियों के बयान के मुताबिक, कर्ज के दबाव में आत्महत्या की बात कही गई है। कांड का अनुसंधान और कार्रवाई के लिए डीएसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई है।

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